दिल्ली के एकीकृत स्थानीय निकाय दिल्ली नगर निगम, यानी MCD पर नियंत्रण के लिए मोटे तौर पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय राजधानी की विधानसभा पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच हुए चुनाव का परिणाम घोषित हो रहा है. एक्ज़िट पोल्स के मुताबिक, पिछले 15 साल से MCD पर काबिज BJP के रुपहले दिन लद गए हैं, और स्थानीय निकाय पर AAP का नियंत्रण होने जा रहा है.
BJP और AAP, दोनों ने ही 250 प्रत्याशी उतारे थे, जबकि कांग्रेस ने 247 वॉर्डों में उम्मीदवार खड़े किए थे. इस चुनाव में 382 निर्दलीयों ने भी किस्मत आज़माई थी. इनके अलावा, मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) 132 वॉर्डों में चुनाव लड़ी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 26 वॉर्डों में व जनता दल यूनाइडेट (JDU) ने 22 वॉर्डों में प्रत्याशी खड़े किए. कुछ वॉर्डों में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भी उम्मीदवार उतारे थे.
अपने नेताओं के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार के केसों और शराब नीति में कथित घोटाले की छाया में AAP ने ज़ोरदार प्रचार अभियान चलाया. चुनाव से कुछ ही सप्ताह पहले दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पूछताछ भी की थी.
उधर, BJP का प्रचार अभियान हमेशा की तरह ढेरों स्टार कैम्पेनरों से भरा रहा, जिनमें केंद्रीय मंत्रियों तथा अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन की तारीफों के पुल बांधे. कुछ स्टिंग वीडियो के ज़रिये BJP ने AAP की भ्रष्टाचार-विरोधी छवि पर हमला बोला.
लगभग एक दशक पहले तीन टुकड़ों में बांटी गई MCD को चुनाव से पहले एकीकृत किया गया. AAP का दावा रहा कि BJP ने ऐसा हार से बचने के लिए किया. AAP का तर्क था कि इससे वॉर्डों के आकार और जनसंख्या में असमानता आ जाएगी, और इस सिलसिले में उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटाया था.
गौरतलब है कि BJP ने दिल्ली में आखिरी बार 29 साल पहले चुनाव जीता था, लेकिन पिछले साल से MCD पर वही काबिज थी.
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